मैं, बानसूर महाविद्यालय में इसके शुभारंभ से ही निरंतर आता रहा हॅूं और मैंने इसके अंकुरण से बरगद रूपी वटवृक्ष होते हुए देखा है। इस कॉलेज के संस्थापकगणों ने राजस्थान विश्वविद्यालय में मेरे समकालीन अध्ययन-अध्यापन करके शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट आयाम स्थापित किए हैं, जिसका लाभ बानसूर महाविद्यालय एवं बानसूर वासियों को मिला है और इस महाविद्यालय को अब दिल्ली विश्वविद्यालय से आए प्रोफेसर अजय कुमार का मार्गदर्शन मिल रहा है जिससे निश्चित ही यह महाविद्यालय उत्तरी भारत में अपनी धाक को कायम रखेगा।